What is computer ?
Computer एक ऐसा यंत्र औजार या डिवाइस है जो हमारे द्वारा दिये गये आंकड़ो को ग्रहण कर उस पर हमारे द्वारा दिये गये निर्देषों के अनुसार काम करता है और हमें इच्छित परिणाम प्रदान करता है उन्हें प्रोग्राम कहते हैं । हिन्दी में Computer को संगणक भी कहा जाता है ।
Type of computer
1 अनुप्रकार के आधार पर Computer के प्रकार
Analog computer
Digital computer
Hybride computer
2 उद्देष्य के आधार पर Computer के प्रकार
सामान्य उद्देशीय Computer
विष्श्टि उद्देशीय Computer
3 आकार के आधार पर Computer के प्रकार
Micro computer
Work station
Mini computer
Main Frame
Super computer
Type of Computer Units ?
Computer की मूल इकाइयों का मतलब Computer की उन बातों से है जिनसे Computer की गणनाओं का काम प्रारंभ होता है ।
1 Bit
Bit अर्थात Binary digit, Computer की memory की सबसे छोटी इकाई है । यह memory में एक Binary अंक 0 अथवा 1 को संचित किया जाना प्रदर्षित करता है । यह Binary digit का छोटा रूप है
Note:- Computer केवल Electronics Signals को ही पहचानता है इसी लिए 0 और 1 का प्रयोग किया जाता है 0 को On और 1 को Off के लिए प्रयोग किया जाता है ।
2 Byte
Computer की memory की मानक इकाई है । Computer की memory में keyboard से दबाया गया प्रत्येक अक्षर अंक अथवा विषेश चिन्ह ASCII code में संचित होता है । प्रत्येक ASCII code 8 Byte का होता है । इस प्रकार किसी भी अक्षर को memory में संचित करने के लिए 8 Bit मिलकर 1 Byte बनती है ।
3 Character
Character संख्याको के अलावा वह संकेत है जो भाषा और अर्थ बताने के काम आते है । Computer System सामान्यत: कैरेक्टर को संचित करने के लिए ASCII code का उपयोग करते हैं । प्रत्येक कैरेक्टर 8 bits का उपयोग करके संचित होता है ।
What is Input and Output devices ?
Input device
जैसा की इसके नाम से ही साफ है की यह वह Device है जिनके द्वारा हम Computer को निर्देष देते है । इनसे संदेष लेकर Computer उन पर प्रोग्राम के अनुरूप् काम करता है । जैसे Keyboard, Mouse Microphone, Joystick आदि ।
Output device
जिस प्रकार Input device computer से निर्देष लेने के लिये काम आती है उसी प्रकार Output device वो Device है जिनके द्वारा हम Computer द्वारा प्रोसेस्ड जानकारी को देखते या ग्रहण करते है । मुख्य रूप Monitor और Printer इसके उदाहरण है ।
Type of Software ?
Software दो प्रकार होते है
1 System software
System software यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है जिसका काम system अर्थात computer को चलाना तथा उसे काम करने लायक बनाये रखता है system softwrae ही hardware में जान डालता है । Operating system, Compiler आदि system software के मुख्य भाग है ।
2 Application software
Application software ऐसे प्रोग्रामो को कहा जाता है जो हमारे computer पर आधारित मुख्य कामो को करने के लिए लिखे जाते है । आवश्यकतानुसार भिन्न-2 उपयोगो के लिए भिन्न-2 software होते है वेतन की गणना, लेन देन का हिसाब, वस्तुओं का Stock रखना, बिक्री का हिसाब लगाना आदि कामों के लिए लिखे गए प्रोग्राम ही Application कहे जाते है ।
Memory
RAM (random access memory):- Computer की यह सबसे महत्वपूर्ण memory होती है । इस memory में प्रयोगकर्ता अपने प्रोग्राम को कुछ देर के लिए store कर सकते है । साधारण भाशा में इस memory को RAM कहते है । यही Computer की Basic memory भी कहलाती है । यह दो प्रकार की होती है
DRAM (Dyanamic Ram):- डायनेमिक का अर्थ है गतिषील । इस Ram पर यदि 10 आंकडे़ संचित कर दिए जाएं और फिर उनमें से बीच के दो आंकडे़ मिटा दिए जाएं तो उसके बाद वाले बचे सभी आंकडे़ बीच के रिक्त स्थान में स्वत: चले जाते है और बीच के रिक्त स्थान का उपयोग हो जाता है ।
SRAM (Static Ram):- Static Ram में संचित किए गए आंकडे़ स्थित रहते है । इस Ram के बीच के दो आंकडे मिटा दिए जाएं तो इस खाली स्थान पर आगे वाले खिसक कर नही आएंगे । फलस्वरूप यह स्थान तब तक प्रयोग नहीं किया जा सकता जब तक कि पूरी memory को साफ कर के नए सिरे से काम षुरू न किया जाए ।
ROM(Read only memory):- Rom उसे कहते हैं जिसमें लिखे प्रोग्राम के आउटपुट को केवल पढ़ा जा सकता है परन्तु उसमें अपना प्रोग्राम संचित नहीं किया जा सकता । Basic Input Output System (BIOS) नाम का एक प्रोग्राम ROM का उदाहरण है जो Computer के ON होने पर उसकी सभी Input Output युक्तियां की चांज करने एवं नियंत्रित करने का काम करता है ।
PROM (Programmable ROM):- इस memory में किसी प्रोग्राम को केवल एक बार संचित किया जा सकता है परंतु न तो उसे मिटाया जा सकता है और न ही उसे संषोधित किया जा सकता है ।
E PROM (erasable PROM):- इस I.C. में संचित किया गया प्रोग्राम पराबैंगनी किरणों के माध्यम से मिटाया ही जा सकता है । फलस्वरूप यह I.C. दोबारा प्रयोग की जा सकती है ।
EEPROM (Electrically-E-PROM):- Electrically erasable Prom पर Store किये गये प्रोग्राम को मिटाने अथवा संषोधित करने के लिए किसी अन्य उपकरण की आवष्यकता नहीं होती । Commands दिये जाने पर Computer में उपलब्ध Electric Signals ही इस प्रोग्राम को संषोधित कर देते हैं ।
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